downloadदरभंगा । रूक रूककर हो रही वर्षा से मौसम का तापमान तो कम हुआ है मगर सब्जियों के गरमाते दाम से लोगों के पसीने छूट रहे हैं। वर्षा के कारण आसपास की सब्जियों की पैदावार लगभग समाप्त हो गयी है। लोगों को उम्मीद थी की हर साल की तरह इस बार भी ताजी एवं सस्ती सब्जी बाजार में उपलब्ध होगी मगर उनके अरमानों पर वर्षा ने पानी फेर दिया। ताजी सब्जी तो दूर बासी तिबासी भी ऊंचे दामों पर खरीदने को विवश है। दाल के दाम बढने से गरीबों को मौसमी सस्ती सब्जियों को बेसब्री से इंतजार था जो पूरा नही हो सका। आस पड़ोस के जिलों एंव देहातों से जो थोड़ी बहुत सब्जी स्थानीय मंडी में पहुंच भी रही है तो ऊंचे दाम के कारण मध्यम वर्गीय और गरीब मात्र देखकर ही संतोष कर लेते हैं। लहेरियासराय आरएस टैंक की अनुराधा देवी कहती है कि सब्जी के दाम में लगी आग पता नहीं कब कम होगी। आलू 20 रुपये किलो के भाव बिक रहा है। बैगन 25 रुपये एवं नेनूआ 15 रुपये प्रति किलो मिल रहा है। बच्चे आलू नेनूआ खाना पसंद नही करते है। फूलगोभी 60 रुपये तो कद्दू 40 रुपये प्रति पीस मिल रहा है। यह सभी बासी होने के कारण बच्चे खाना पसंद नही करते हैं। पता नहीं ताजी सब्जी कब मिलेगी। लहेरियासराय लक्ष्मीसागर की उषा झा ने कहा कि दाल एवं सब्जियों के भाव ने तो किचन का सारा बजट ही बिगाड़ कर रख दिया है। पत्तागोभी, ¨भडी, परवल, टमाटर सभी चालिस रुपये किलो बिक रहे हैं। यह भी ताजी होती तो एक बात होती। बासी सब्जी के दाम सुनकर ही पसीना छूटने लगता है। बाकरगंज की नफीसा बेगम ने कहा कि सब्जी दिन प्रतिदिन महंगी होती जा रही है। पहले दाल अब सब्जी लोगों की थाली से गायब हो रही है। हम गरीब लोगों का साथी आलू भी 20 रुपये किलो बिक रहा है। जहां खरीदार सब्जी के इस रवैये से नाराज है तो विक्रेता भी बहुत खुश नही है। लहेरियासराय गुदरी की सब्जी विक्रेता रामपरी देवी कहा कि सब्जी की महंगाई ने बाजार को मंदा कर रखा है। मौसम के कारण आज कल सब्जी खराब बहुत जल्दी हो जाती है। लाभ के स्थान पर नुकसान ज्यादा हो रहा है। मुकेश कुमार ने कहा कि सब्जी महंगी होने के कारण ग्राहक कम ही आते हैं। पिछले साल इस सीजन में सब्जी सस्ती हो गयी थी। इस बार ऐसा कुछ नहीं है। दरभंगा सब्जी मंडी के थोक विक्रेता दीपक कुमार ने कहा कि पत्तागोभी महाराष्ट्र के नासिक से आती है। धनिया पत्ती, चुकंद, गाजर आदि बंगलौर से मंगाना पडता है। ट्रांसपोर्टशन में थोडी भी देरी होती है। तो सारी सब्जी गल जाती है। नासिक से आए ट्रक को दिखाते हुए कहा कि पत्तागोभी भी मंगाया था। पहुंचने में लेट हुआ तो आधा से ज्यादा गोभी सड़ गया है। दस रुपये किलो बेचना पड़ रहा है। लाखों का घाटा सहना पड़ा है। दीपू कुमार ने कहा कि यहां माल के हिसाब से रेट लगाया जाता है। आज कल नफा कम नुकसान ज्यादा हो रहा है।

सब्जी दाम

फूलगोभी 60 रुपये प्रतिकिलो

पत्ता गोभी 40 रुपये प्रतिकिलो

परवल 40 रुपये प्रतिकिलो

¨भडी 40 रुपये प्रतिकिलो

पपीता 40 रुपये प्रतिकिलो

शिमला मिर्च 100 रुपये प्रतिकिलो

हरी मिर्च 60 रुपये प्रतिकिलो

धनिया पत्ता 200 रुपये प्रतिकिलो

्रगाजर 80 रुपये प्रतिकिलो

चुकंदर 50 रुपये प्रतिकिलो

मूली 30 रुपये प्रतिकिलो

खीरा 30-40 रुपये प्रतिकिलो

कद्दू 40 प्रति पीस

 

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