पांच एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की सिरीज़ का पहला मैच धर्मशाला में 6 विकेट से जीतने के बाद अब भारतीय टीम गुरुवार को दिल्ली में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ दूसरा मैच खेलने उतरेगी.
टेस्ट सिरीज़ में 3-0 से क़रारी हार का मुंह देखने के बाद न्यूज़ीलैंड की टीम पहले एकदिवसीय मैच में भी कोई ख़ास संघर्ष नहीं कर सकी.
इससे उनके हौसलों में निश्चित रूप से कमी आएगी.
दूसरी तरफ भारतीय क्रिकेट टीम अपने कई जाने-पहचाने चेहरों के बिना भी दमदार खेल दिखा रही है.
सलामी बल्लेबाज़ शिखर धवन चोटिल हैं, तो सुरेश रैना भी पूरी तरह फिट नहीं होने के कारण दूसरा एकदिवसीय मैच नहीं खेल सकेंगे.
टेस्ट सिरीज़ में न्यूज़ीलैंड को करारे झटके देने वाले आर अश्विन और रविंद्र जडेजा की जोड़ी को भी आराम दिया गया है.
इसके बावजूद जिसे भी अवसर मिला उसने दमदार खेल दिखाया.
पिछले मैच के साथ अपने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर का आगाज़ करने वाले हार्दिक पांड्या ने अपनी तेज़ गेंदों से धर्मशाला में खेले गए मैच में 31 रन देकर तीन विकेट झटके.
उमेश यादव ने भी दो विकेट लेकर न्यूज़ीलैंड की पारी को जमने ही नहीं दिया.
रही सही कसर लेग-ब्रेक गेंदबाज़ अमित मिश्रा ने पूरी कर दी. उन्होंने भी 49 रन देकर तीन विकेट हासिल किए.
पिछले मैच में एक समय तो न्यूज़ीलैंड के सात विकेट केवल 65 रन पर गिर चुके थे.
ऐसे में सलामी बल्लेबाज़ टॉम लैथम ने नाबाद 79 और टिम साउदी ने जैसे तैसे 55 रन बनाकर न्यूज़ीलैंड को 190 रनों तक पहुंचाया.
न्यूज़ीलैंड की टीम भारत में टेस्ट सिरीज़ खेल चुकी है, यानी ऐसा नही है कि वह अभी तक भारतीय विकेटों से बिल्कुल अनजान है.
उस स्थिति में टीम का ऐसा प्रदर्शन बेहद निराश करने वाला है.
कप्तान केन विलियम्सन और सलामी बल्लेबाज़ मार्टिन गप्टिल के अलावा रॉस टेलर के बल्ले का ना चल पाना न्यूज़ीलैंड के लिए समस्या बन गया है.
दूसरी तरफ भारत के विराट कोहली ने पिछले मैच में शानदार नाबाद 85 रनों की पारी खेली और न्यूज़ीलैंड के गेंदबाज़ उनसे पार न पा सके.
अब अगर न्यूज़ीलैंड दिल्ली में हारता है तो उसके लिए टेस्ट सिरीज़ के बाद एकदिवसीय सिरीज़ को बचाना भी बेहद मुश्किल होगा. -वीवीसी हिन्दी