आमिर किसी भी रोल को इतनी बारीक़ी से निभाते हैं कि उन्हें मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहा जाता है। ऐसे में आमिर के बारे में एक धारणा ये बन गई है कि वो अपनी फ़िल्मों की मेकिंग में इंटरफियर करते हैं। सवाल उठता है कि दंगल के गीतों में भी क्या आमिर की दखलंदाज़ी रही होगी? इस सवाल के जवाब में छिपी है हानिकारक गीत बनने की मज़ेदार कहानी। लिरिसिस्ट अमिताभ भट्टाचार्य कहते हैं- ”इस फ़िल्म के लिए जब गीत लिखने के लिए मुझे नरेशन दिया गया था, तो सिचुएशन बताई गई थी, कि एक बापू है जो अपनी बच्चियों को ज़बर्दस्ती सुबह मेहनत करवाना चाहता है। पहलवानी करवाना चाहता है और लड़कियां करना ही नहीं चाहतीं।”
अमिताभ आगे कहते हैं- ”हानिकारक हम लोग बोल-चाल में बहुत बोलते हैं, तो मैं इस गीत के कुछ बोल लेकर गया और जब आमिर ने यह शब्द सुना उन्होंने तुरंत कहा कि एकदम करेक्ट है, हिट है। आमिर को पता होता है कि उन्हें एग्जेक्टली क्या चाहिए।” अमिताभ बताते हैं कि ‘दंगल’ जैसी फ़िल्मों के गीत लिखना एक चेलेंज होता है, क्योंकि इस तरह की फ़िल्में ऑफबीट होती हैं और किसी भी मूड से वह मैच नहीं करता, तो इसे लेकर उनके मन में चिंता थी कि लेकिन हानिकारक बापू तो एक ड्राफ्ट में ही ओके कर दिया गया था।
कि वो दखल देते हैं, जबकि वो अच्छा काम चाहते हैं, इसलिए काफी चर्चा करते हैं। अमिताभ आगे बताते हैं कि वो आमिर के फ़ैन रहे हैं। उन्होंने आमिर की पहली फ़िल्म क़यामत से क़यामत तक देखी थी। फिल्म के गाने के कैसेट घर लेकर आये थे और कई बार उसे सुना करते थे। अमिताभ खुद सिंगर बनना चाहते थे, तो वो इसी फ़िल्म का गाना पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा, काफी सुनते थे और गाते थे।”
अमिताभ ने उस वक़्त सोचा भी नहीं था कि उन्हें कभी आमिर के साथ काम करने का मौक़ा मिलेगा। अमिताभ इसे संयोग मानते हैं। अमिताभ भट्टाचार्य इन दिनों आमिर के लिए ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ के लिए भी गाने लिख रहे हैं।