पटना [जेएनएन]। मकर संक्रांति के अवसर पर शनिवार को अहले सुबह से पावन गंगा नदी में स्नान करने हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। पतित पावनी गंगा में स्नान कर आज के दिन डुबकी लगाकर भगवान सूर्य की आराधना की जाती है।

पटनासिटी और फतुहा के विभन्न गंगा घाटों पर गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी जा रही है।फतुहा के कटैया घाट पर श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाकर भगवान भाष्कर की पूजा कर रहे हैं। इसके साथ ही ब्राह्मणों को चूडा, गुड़ और तिल का दान किया जा रहा है।

अाज संक्रांति का आखिरी दिन है और आज से सूर्य भगवान दक्षिणायण से उत्तरायण हो जाते हैं। इससे दिन बड़ा और रातें छोटी होने लगती हैं।सूर्य देव के उत्तरायण में प्रवेश करने का वर्णन वेद और पुराण में भी है। इसी दिन मलमास भी समाप्त होता हैं।

इस दिन को सुख और समृद्धि का दिन माना जाता है। आज के दिन तिल के दान का बड़ा महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आज के दिन तिल से बनी सामग्री ग्रहण करने से कष्टदायक ग्रहों से छुटकारा मिलता है।गंगा स्नान और दान-पुण्य से परिवार में सुख और शन्ति बनी रहती है।

मकर संक्रांति 14-15 जनवरी को पड़ता है, क्योंकि इसी दिन धनु राशि को छोड़कर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस बेला में गंगा में डुबकी लगाने से श्रद्धालुओं को मनोवांक्षित फल की प्राप्ति होती है।

मकर संक्रांति को पिता-पुत्र के पर्व के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन पुत्र और पिता को तिलक लगाकर उनका स्वागत करना चाहिए. इस दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि की राशि में प्रवेश करते हैं और दो माह तक रहते हैं।

 

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