भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आर्थिक समृद्धि के लिए सबसे बड़ा और स्पष्ट खतरा आतंकवाद है और ये दुखद है कि इसका ‘मदरशिप’ भारत का एक पड़ोसी मुल्क है.’
भारत के प्रधानमंत्री गोवा में रविवार को ब्रिक्स सम्मेलन में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ ब्रिक्स को एक होकर आवाज़ उठानी होगी.
प्रधामंत्री मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, “हमारी आर्थिक समृद्धि, सुरक्षा और विकास को सबसे बड़ा ख़तरा आतंकवाद से है. दुखद है कि इसका ‘मदरशिप’ (यानी जनक) भारत का एक पड़ोसी मुल्क है. दुनिया भर में आतंक के मॉड्यूल इस देश से जुड़े हुए हैं. ये देश केवल आतंकवादियों को शरण ही नहीं देता, बल्कि एक मानसिकता को बढ़ावा देता है.”
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट्स के ज़रिए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘इसी मानसिकता के तहत ये घोषणा की जाती है कि राजनीतिक मकसदों के लिए आतंकवाद के इस्तेमाल को सही ठहराया जा सकता है.’
मोदी ने कहा, “हम इस मानसिकता की कड़ी निंदा करते हैं. ब्रिक्स देशों को एकजुट खड़े होकर कार्रवाई करनी चाहिए.”
ब्रिक्स (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के नेताओं का दो दिन का सम्मलेन भारत के गोवा में हो रहा है और इन देशों के नेता आपसी कारोबार और अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर बातचीत कर रहे हैं.
सितंबर में भारत प्रशासित कश्मीर के उड़ी में भारतीय सैन्य शिविर पर चरमपंथी हमले के बाद से भारत पाकिस्तान को इसका दोषी ठहरा रहा है और कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इसकी चर्चा कर रहा है.
पाकिस्तान का कहना है कि भारत ने जांच कराने से भी पहले पाकिस्तान पर आरोप लगाने शुरू कर दिए. पलटवार करते हुए पाकिस्तान कह चुका कहा कि भारत प्रशासित कश्मीर में तनावपूर्ण स्थिति से ध्यान हटाने के लिए ऐसा कर रहा है. –वीवीसी हिन्दी