भारतके केंद्र सरकार गर्भवती महिलाओं को मिलने वाले मातृत्व लाभ को सीमित करने जा रही है. अब तक दो बच्चे पैदा करने पर मिलने वाले मेटरनिटी बेनेफिट को सरकार एक बच्चे तक सीमित करने वाली है. इस योजना के तहत अब तक केंद्र सरकार 60 प्रतिशत फंड देती थी, जिसे घटाकर 50 प्रतिशत किया जा सकता है.
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर के मुताबिक महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इस पर कैबिनेट नोट तैयार कर रहा है. मंत्रालय के एक सीनियर मंत्री ने बताया कि पीएमओ से बातचीत के बाद आगे की तैयारी और स्कीम को चलाने का काम किया जा रहा है. अधिकारी ने स्पष्ट किया कि स्कीम को पहले बच्चे तक ही सीमित किया जा सकता है.
यूपीए-2 में आई थी योजना
इससे पहले नए साल के मौके पर देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि गर्भवती महिलाओं को मातृत्व लाभ के अंतर्गत 6000 रुपये दिए जाएंगे. पीएम ने कहा था कि योजना को पूरे देश में पहुंचाया जाएगा. इस योजना को यूपीए सरकार ने अपने दूसरे शासनकाल में शुरू किया था. इस स्कीम का नाम इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना रखा गया था. तब इसको देश के 650 जिलों में से 53 जिलों में ही पायलेट योजना के तौर पर शुरू किया गया था.
14,512 करोड़ रुपये की जरूरत
2017-18 के लिए इस योजना के लिए सिर्फ 2,700 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जो कि काफी कम हैं. इस रकम से 2.6 करोड़ बच्चों में से 90 लाख बच्चों को ही कवर किया जा सकता है. योजना के लिए सालाना 14,512 करोड़ रुपये की जरूरत है.