बच्चों की पढ़ाई कराने को उनकी मां तारा शर्मा को अब अपनी किडनी बेचने की नौबत नहीं आएगी। मीडिया से जानकारी मिलने के बाद गाजियाबाद निवासी रूबी अग्रवाल सक्रिय हुईं और अपनी संस्था की तरफ से 25 हजार रुपये की मदद की पेशकश की। उन्होंने कहा कि साल भर की फीस की लगभग यही राशि है। इसको तय तिथि पर स्कूल में जमा कर दिया जाएगा।

आगरा की समाजसेवी उर्मिला अग्रवाल की पुत्री रूबी शुक्रवार शाम रोहता में इस परिवार के निवास पहुंची। मदद का चेक दिखा कर आश्वस्त किया। उन्होंने कहा कि वह अपने शहर में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की संयोजिका हैं। वह नहीं चाहती कि उनके मूल शहर की कोई बेटी पढ़ाई से वंचित रहे। उनके साथ गाजियाबाद से आईं राज जैन और अनीता शर्मा ने भी बेटियों की पढ़ाई जारी रखने को कहा।

मदद का आश्वासन मिलने के बाद आरती शर्मा ने कहा कि गाजियाबाद के लोग सक्रिय हो गए। लेकिन स्थानीय स्तर पर किसी ने प्रयास नहीं किया। उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर उदासीनता का आरोप लगाया। मीडिया में व्यापक प्रचार हो जाने के बावजूद अभी तक शासन-प्रशासन ने उनकी सुध नहीं ली है।

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