जनकपुर – स्वतन्त्र मधेश गठबंधन के तीन दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाबजूद भारी संख्या में उतरे सीके राउत के कार्यकर्ताओं ने जनकपुर में मधेश की स्वतन्त्रता के लिए अपनी आवाज बुलंद कर दिखाया  । मजेदार बात यह रही कि पिछले दस दिन से प्रशासन का यह प्रयास कि डा. सिके राउत को कार्यक्रम नही करने देना है बिल्कुल नाकामयाव रहा । नेपाल के प्रहरी प्रशासन सीके के सामने असहाय साबित हए यह प्रमाणित हो गया । जनकपुर की अाम जनता चकित और सोचने पे मजबुर दिख रही है कि प्रहरी के इतने चौकन्ने होने के बाबजुद भी स्वतन्त्र मधेश का आवाज अाज गूँजता दिखा ।

कैसे हुआ प्रदर्शन ?

जनकपुर के रामानन्द चौक पे पचास की संख्या में स्वराजियो की उपस्थिती देखी गयी । ये लोग शहीद की तस्वीर सहित के ब्यानर तले मधेशी सहिदो को श्रद्धाण्जली अर्पण कर आजाद मधेश के लिए नारा बुलंद कर रहे थे । जैसे कि “हम को चाहिए आजादी, तुम को चाहिए आजादी” । नेपाली उपनिवेस अन्त हो, मधेश देश स्वतन्त्र हो ।
नारा लगाते ही नेपाल प्रहरी ने एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओ को गिरफतार कर जेल चलान कर दिया था ।
फिर साै से अधिक संख्या मे मोटर साइकल पर सवार स्वराजी स्वतन्त्र मधेश का नारा बुलंद करते पिडारी चौक की ओर से रामानन्द चौक की ओर आए । फिर रामानन्द चौक के दक्षिण भाग अर्थात बजरंग एवं भ्रमरपुरा चौक की ओर से सैकड़ों की संख्या में जुलुस प्रदर्शन करते हुये स्वाराजियों का आगमन हुवा और फिर हजारो की संख्या मे स्वराजी कार्यकर्ता होस्पिटल रोड होते हुये जानकी मंदिर तक स्वतन्त्र मधेशी की आवाज बुलंद करते निकल गए ।
परंतु आमजन के आँखो मे किसी का इन्तजार था तो वह है, डा. चन्द्रकान्त राउत उर्फ सिके राउत । जोपिछले महिने से ही प्रशासन को चकमा दे कर जनकपुर मे ही भुमिगत हो कर रह रहे थे ।
और सिके राउत ने आमजनको ज्यादा प्रतिक्षा करने का मौका नही आया । देखते ही देखते रामानन्द चौक पर फिर से हजारो की मास एकठ्ठी हो गयी । स्वतन्त्र मधेश का नारा गुंजने लगा । और उसी गूँज के बीच हुवा डा. राउत का आगमन ।

आते ही पहले डा. राउत ने शहीद राम मनोहर यादव को श्रद्धांजली अर्पण किया | मधेश आन्दोलन मे शहादत प्राप्त सभी शहीदो को भी। और कहा की पहले फिरंगी प्रशासन हम पर गोलियाँ चलाती थी । अब अपने आप को मधेश के मसीहा कहने बाले मधेशी नेता नाम न लेते हुये उनका इसारा था स्वास्थ्य मन्त्रीउपेन्द्र यादव की ओर । क्यूँकि राउत ने कहा की हमारे स्वाराजी राम मनोहर यादव को मधेशी नेता के इसारे पर कस्टडी मे नेपाली फिरंगियो ने हत्या किया ।
मजे की बात यह रही की राउत जब फिरंगी शासक के बारे मे चर्चा कर रहे थे तो वहाँ पे नेपाल प्रहरी, सशत्र और अनुसंधान के उच्च ओहदे बाले अधिकारी लोग उपस्थित थे । इससे आम लोगो मे एक उर्जा का प्रवाह हुवा की अब स्वतन्त्र मधेश के आन्दोलन मे खुलकर लगने मे उतना खतरा नही है, यह जनकपुर के लोगो मे चर्चा का विषय बना हुवा है ।
राउत का कहना था की हम मधेश को अधिकार सम्पन्न बनाने के लिए सदियो से लडते आ रहे हे । परंतु अभी तक मिला क्या ? संघीयता भी आगया लेकिन मधेशी खुद शासन नही कर सकता है अर्थात सेल्फरुल अभी भी नही आया है । और अभी के ही नेतृत्व को अगर हम स्वीकारते रहे तो हमे गुलामी के दौर से बहुत लम्बे समय तक गुजरना होगा । क्या आम मधेशी को गुलामी पसंद है ? इसी लिए स्वतन्त्र मधेश के आन्दोलन मे लगे और स्वराज स्थापना करे ।
फिलहाल इतना ही । आज के स्वतन्त्र मधेश गठबंबधन से जुडे बिभिन्न पहलुओ से वाकिफ होने के लिए हिमालिनी को फलो करें ।

हिमालनी से

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