डॉक्टर सिंह के साथ एक और व्यक्ति लिया गया है हिरासत में

राजीव कुमार

सुपौल   । बिहार के प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक और सेंट्रल होम्योपैथिक कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.रामजी सिंह को सीबीआई की टीम ने बीस लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोच लिया है । उन्हें दिल्ली में गिरफ्तार किया गया है ।सीबीआई सूत्रों ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया की रामजी सिंह पर होम्योपैथी अस्पताल के लिए मन-मुताबिक रिपोर्ट देने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप है ।रामजी सिंह ने एक अस्पताल के रिपोर्ट देने के एवज में 20 लाख रुपये की मांग की थी ।

उनकी गिरफ्तारी की सूचना से पटना में हड़कंप मच गया है। डा.सिंह पटना के ही निवासी हैं । लगभग तीन दशकों से होम्योपैथिक चिकित्सा के क्षेत्र में सक्रिय डा.सिंह का कदमकुआं में क्लिनिक भी है,जहां वे मरीजों को देखते हैं ।अभीतक जो जानकारी उपलब्ध हो पायी है उसके मुताबिक़ एक होम्योपैथिक कॉलेज को मान्यता देने के लिए वे रिश्वत ले रहे थे। कॉलेज प्रबंधन ने इस बारे में सीबीआइ को पहले ही अवगत करा दिया था ।
जैसे ही उन्होंने रिश्वत की रकम स्वीकार की, सीबीआइ की टीम ने उन्हें दबोच लिया ।इसके बाद उन्हें सीबीआइ की टीम अपने साथ अपने दफ्तर ले आई है जहां पूछताछ हो रही है । उल्लेखनीय है कि होम्योपैथी की पढ़ाई से लेकर चिकित्सा के मानक तय करने के लिए सेंट्रल होम्योपैथिक कौंसिल ही देश की मानक संस्था है । बिना कौंसिल की मान्यता के कोई विवि या कॉलेज होम्योपैथी की पढ़ाई नहीं करा सकता ।
खबर है कि कौंसिल के अध्यक्ष होने के नाते डा.सिंह एक कॉलेज को मान्यता देने के लिए यह रकम स्वीकार कर रहे थे ।लेकिन सीबीआइ ने उन्हें दबोच लिया ।डा.सिंह लंबे समय से कौंसिल से जुड़े हुए हैं ।कयास यह भी लगाया जा रहा है की डॉक्टर सिंह लंबे समय से रिश्वत लेने का यह खतरनाक खेल,खेल रहे थे ।बताना लाजिमी है की अध्यक्ष बनने से पूर्व वे इस संस्था के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं ।
गौरतलब है की सीबीआई ने रामजी सिंह और हरिशंकर नामक उनके एक सहयोगी को भी रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है ।यह अस्पताल गुजरात के राजकोट स्थित एक ट्रस्ट द्वारा बनाया जाना था ।फिलहाल सीबीआई इस मामले में दोनों से अलग–अलग पुछताछ और आगे कार्रवाई कर रही है ।
बड़ा सवाल यह है देश के किसी भी सर्वोच्च संस्था पर बैठा व्यक्ति अगर घूसखोर हो तो फिर किसी पैमाने की बात करना ना केवल बेमानी है बल्कि देश का कभी भला नहीं हो सकेगा उसका शंखनाद भी है ।हमें जो जानकारी अभीतक मिली है,उसके मुताबिक़ गिरफ्तार डॉक्टर सिंह ने कई कॉलेजों की मान्यता रिश्वत लेकर दी है ।ऐसे में सीबीआई के लिए चुनौती है की वह इस पुरे प्रकरण के तह में जाए और पुख्ता तरीके से जांच करे ।पूरी सच्चाई अगर सामने आती है,तो इसमें कोई शक–शुब्बा नहीं है की कई मान्यता प्राप्त कॉलेजों की मान्यता रद्द होगी ।

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